
केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी बच्चों बूढ़ों और औरतों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है, जिसमें अनाथ और बेसहारा गरीब बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना चलाई जा रही है, इस योजना में उन सभी अनाथ गरीब बच्चों को ₹1200 का लाभ हर महीने दिया जा रहा है।
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योजना की मुख्य बातें
- योजना के तहत, पात्र लड़कों को ₹1000 प्रति माह और लड़कियों को ₹1200 प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाती है।
- कक्षा 8, 9, या 10 उत्तीर्ण करने वाले बच्चों को प्रति कक्षा ₹6000 की अतिरिक्त वार्षिक सहायता भी दी जाती है।
- यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक तंगी के कारण बच्चे पढ़ाई न छोड़ें और स्कूल में नामांकित रहें।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित मानदंड पूरे होने चाहिए:
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- बच्चे की आयु 8 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह स्कूल में नामांकित हो।
- बच्चा श्रमिक होना चाहिए या गरीब/अनाथ परिवार से आना चाहिए।
- जिन बच्चों के माता-पिता दोनों या कोई एक दिव्यांग हो, या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
- भूमिहीन परिवार और महिला मुखिया वाले परिवारों के बच्चों को भी प्राथमिकता मिलती है।
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आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के लिए प्रमुख दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- पहचान पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाते का विवरण
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- सीएमओ (CMO) द्वारा जारी गंभीर बीमारी/दिव्यांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन करने के दो मुख्य तरीके हैं:
- इच्छुक लाभार्थी bsvy.in आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण/साइन अप कर सकते हैं और आवेदन पत्र भर सकते हैं।
- आप अपने नजदीकी श्रम विभाग कार्यालय या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
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चयन प्रक्रिया में बच्चों की पहचान श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वेक्षण और निरीक्षण के माध्यम से, या ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों, चाइल्ड लाइन आदि की सिफारिश पर की जाती है।

















