
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है, यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण और रियायती ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरु की गई है, पात्र लाभार्थी आधिकारिक सरकारी पोर्टल के माध्यम से या अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
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आवेदन के लिए आवश्यक मुख्य दस्तावेज
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों के पास निम्नलिखित दस्तावेज़ होने अनिवार्य हैं:
- आधार कार्ड (मोबाइल नंबर से लिंक होना आवश्यक)
- बैंक पासबुक की जानकारी
- राशन कार्ड (यदि उपलब्ध हो)
- आय और जाति प्रमाण पत्र (आवश्यकतानुसार)
- पैन कार्ड
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अधिकांश आवेदन CSC केंद्रों के माध्यम से ही भरे जा रहे हैं, जहाँ प्रशिक्षित ऑपरेटर सहायता करते हैं।
- इच्छुक कारीगर PM Vishwakarma की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर “Login” सेक्शन में जाकर “CSC – Register Artisans” का चयन करें।
- CSC अधिकारी आवेदक का मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का उपयोग करके ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया पूरी करेंगे, जिसमें ओटीपी (OTP) या बायोमेट्रिक सत्यापन शामिल हो सकता है।
- आधार सत्यापन के बाद, कारीगर पंजीकरण फॉर्म खुलेगा। इसमें सभी व्यक्तिगत, बैंक और व्यापार संबंधी विवरण सही-सही भरें।
- मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन प्रतियां अपलोड करें।
- फॉर्म की समीक्षा करने के बाद उसे अंतिम रूप से जमा (Submit) करें।
- सफल पंजीकरण के बाद, लाभार्थी अपना डिजिटल आईडी और पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं।
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योजना के प्रमुख लाभ एवं विशेषताएं
पंजीकरण के बाद, योग्य कारीगरों को तत्काल कई लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं:
- 5 से 7 दिनों का बुनियादी कौशल प्रशिक्षण, जिसके दौरान ₹500 प्रति दिन का वजीफा (Stipend) प्रदान किया जाता है।
- आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए ₹15,000 का ई-वाउचर या अनुदान।
रियायती ऋण सुविधा
- पहला चरण: ₹1 लाख तक का संपार्श्विक-मुक्त (collateral-free) ऋण केवल 5% की रियायती ब्याज दर पर।
- दूसरा चरण: पहला ऋण समय पर चुकाने के बाद, ₹2 लाख तक का दूसरा ऋण भी 5% ब्याज दर पर उपलब्ध।
- डिजिटल प्रोत्साहन: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्र या राज्य सरकार की नौकरियों में कार्यरत व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे, यह योजना मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है

















