
उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए योगी सरकार की कैबिनेट बैठक एक बड़ी सौगात लेकर आई है। लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे कर्मचारियों को आखिरकार राहत मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इस फैसले से लाखों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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लखनऊ में हुई अहम कैबिनेट बैठक
मंगलवार को राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में 43 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई और सभी पर मुहर लगाई गई। इनमें से एक सबसे बड़ी घोषणा सरकारी कर्मचारियों के लिए थी – UP Old Pension Scheme से जुड़ा प्रस्ताव। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस पेंशन योजना का लाभ विशेष रूप से उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी नियुक्ति 28 मार्च 2005 से पहले हुई थी।
किसे मिलेगा पुरानी पेंशन का फायदा?
पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ केवल उन कर्मचारियों को दिया जाएगा जो 28 मार्च 2005 से पहले राज्य सरकार की सेवा में आए थे। इस तारीख के बाद नियुक्त कर्मचारियों को अब भी नई पेंशन योजना (NPS) के तहत लाभ मिलता रहेगा। इस निर्णय का सीधा फायदा राज्य के हजारों पुराने कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्हें कई सालों से इस पेंशन की बहाली का इंतजार था। यह फैसला न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित करेगा बल्कि उनके परिवारों के लिए भी आर्थिक स्थिरता लेकर आएगा।
पुरानी पेंशन क्या है और क्यों है खास?
पुरानी पेंशन योजना वह प्रणाली थी जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन का एक निश्चित प्रतिशत हर महीने पेंशन के रूप में दिया जाता था। इसमें सरकारी योगदान की गारंटी होती थी और कर्मचारियों को भविष्य की आर्थिक सुरक्षा मिलती थी।
हालांकि, वर्ष 2005 के बाद नई पेंशन योजना लागू की गई थी जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का हिस्सा फंड में जमा करना होता है, जो मार्केट निवेश पर आधारित होता है। इस वजह से कई कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की वापसी की मांग की थी क्योंकि नई प्रणाली में सुरक्षा और स्थिरता कम है।
कर्मचारियों की पुरानी मांग अब पूरी
राज्य के सरकारी कर्मचारी संगठन कई सालों से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे थे। कई बार प्रदर्शन, धरना और ज्ञापन देने के बावजूद यह मांग अधूरी रह गई थी। लेकिन अब योगी सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी देने के बाद कर्मचारियों की यह पुरानी उम्मीद पूरी होती दिख रही है। कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है कि उन्होंने पुरानी मांग को पूरा करके लाखों परिवारों को राहत दी।
सरकार की ओर से बड़ा कदम
इस प्रस्ताव की मंजूरी को न केवल एक प्रशासनिक फैसला बल्कि कर्मचारियों के भविष्य को लेकर एक संवेदनशील कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के हितों के प्रति हमेशा समर्पित रही है। पुराने पेंशनधारियों के साथ न्याय करना सरकार की प्राथमिकता रही है और यह फैसला उसी का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों की मेहनत और योगदान राज्य के विकास की रीढ़ हैं, इसलिए उनका भविष्य सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
43 प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
इस कैबिनेट बैठक में केवल पुरानी पेंशन का प्रस्ताव ही नहीं, बल्कि अन्य 43 प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। इनमें शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचा, निवेश और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई अहम बिंदु शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में पुरानी पेंशन वाला फैसला रहा, क्योंकि यह सीधे लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों से जुड़ा हुआ है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
पुरानी पेंशन की बहाली से राज्य के वित्त पर थोड़ा प्रभाव जरूर पड़ेगा, लेकिन इसका दीर्घकालिक लाभ कर्मचारियों की स्थिरता और संतोष में झलकेगा। इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे राज्य सेवा में और अधिक समर्पित होकर काम करेंगे। सामाजिक रूप से भी यह फैसला कर्मचारियों और उनके परिवारों में सुरक्षा और निश्चिंतता की भावना लाएगा।
क्या आगे और कदम उठाए जाएंगे?
सरकार की योजना है कि पुराने पेंशनधारियों के दस्तावेजों की जांच और फाइनल सूची जल्द तैयार की जाए। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। आने वाले महीनों में इस प्रस्ताव से जुड़ी दिशा-निर्देश और प्रक्रिया का विस्तृत नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा ताकि पात्र कर्मचारी समय पर इसका लाभ उठा सकें।

















