
हरियाणा के नूंह और करनाल-यमुनानगर जिलों के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, इन क्षेत्रों में जल्द ही नई रेलवे लाइनें बिछाई जाएंगी, जिससे न केवल कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और जमीन की कीमतों में भी भारी उछाल आने की संभावना है, हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HRIDC) ने इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है।
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नूंह: दिल्ली-अलवर RRTS कॉरिडोर से जुड़ेगा
नूंह जिले के लिए दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़)-अलवर रैपिड रेल ट्रांज़िट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर एक गेम-चेंजर साबित होगा।
- यह 105 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर सोहना, नूंह और फिरोजपुर झिरका के रास्ते दिल्ली से अलवर को जोड़ेगा।
- लगभग 50 वर्षों से चली आ रही मेवात क्षेत्र की रेल संपर्क की मांग पूरी होगी, इससे दिल्ली और अलवर के बीच माल ढुलाई सस्ती और तेज होगी, छोटे व्यापारियों को लाभ होगा और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी।
- परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण दिसंबर 2025 से शुरु होने की उम्मीद है और निर्माण कार्य अगस्त 2026 में शुरू हो सकता है, नवंबर 2031 तक इस परियोजना के चालू होने का लक्ष्य है।
करनाल-यमुनानगर: औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
करनाल और यमुनानगर के बीच लगभग 61 किलोमीटर लंबी एक नई रेल लाइन को भी मंजूरी मिल गई है।
- यह लाइन मौजूदा भैनी-खुर्द स्टेशन (दिल्ली-अंबाला लाइन पर) और जगाधरी वर्कशॉप स्टेशन (अंबाला-सहारनपुर लाइन पर) को जोड़ेगी। इसके मार्ग में पांच नए स्टेशन – [राम्बा, इन्द्री, लाडवा, रादौर और दामला, बनाए जाएंगे।
- वर्तमान में करनाल से यमुनानगर का रेल मार्ग अंबाला कैंट के रास्ते 121 किलोमीटर लंबा है। नई सीधी लाइन से यात्रा की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे दोनों औद्योगिक शहरों के बीच सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। यह हरिद्वार के लिए भी सीधा संपर्क प्रदान करेगी, जो लंबे समय से इस क्षेत्र की मांग थी।
- हरियाणा सरकार की मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को रेल मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
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इन नई रेल परियोजनाओं से हरियाणा के इन जिलों में बुनियादी ढांचे का विकास होगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे जमीन की कीमतें बढ़ने और स्थानीय लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

















