
भारतीय राजनीति में इन दिनों एक नया और अप्रत्याशित दावा सुर्खियों में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने हाल ही में कहा है कि अमेरिका में जल्द जारी होने वाली जेफरी एपस्टीन फाइल्स भारत की राजनीति को भी प्रभावित कर सकती हैं। चव्हाण का दावा है कि इन खुलासों के बाद देश को “एक नया प्रधानमंत्री” देखने को मिल सकता है। उनका कहना है कि “वैश्विक स्तर पर जो घटनाक्रम हो रहे हैं, उनका असर भारत तक सीमित नहीं रहेगा।”
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क्या हैं जेफरी एपस्टीन फाइल्स?
जेफरी एपस्टीन एक अमेरिकी फाइनेंसर था, जिस पर सेक्स ट्रैफिकिंग और शक्तिशाली लोगों से जुड़े आपराधिक नेटवर्क के आरोप लगे थे। 2019 में जेल में उसकी मौत के बाद यह केस और भी रहस्यमय बन गया। अब अमेरिकी कांग्रेस के फैसले के तहत 19 दिसंबर 2025 को एपस्टीन केस से जुड़ी गोपनीय फाइलें, फोटो और वीडियो डॉक्युमेंट्स सार्वजनिक किए जाने हैं।
इन दस्तावेजों में दुनिया भर के कई प्रभावशाली नेताओं, व्यापारियों और सेलेब्रिटीज़ के नाम होने की संभावना बताई जा रही है। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर इन दिनों “Epstein Files” और “Global Political Shakeup” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
पृथ्वीराज चव्हाण का संकेत
एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि “भारत में भी इस खुलासे का असर देखा जा सकता है। यदि वैश्विक स्तर पर लीडरशिप में बदलाव आता है, तो भारत में भी पॉलिटिकल रीशफ़ल संभव है।” उन्होंने यहां तक कहा कि अगर राष्ट्रीय नेतृत्व में बदलाव होता है तो नया प्रधानमंत्री भारतीय जनता पार्टी (BJP) के भीतर से ही आ सकता है और वह महाराष्ट्र से हो सकता है।
हालांकि, चव्हाण ने किसी नाम का ज़िक्र नहीं किया। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि “कभी-कभी दुनिया के किसी कोने में हुई घटना भी सत्ताओं को हिला सकती है।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा की ओर से इस बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया गया। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि यह “कांग्रेस की ख्वाहिशें हैं, हकीकत नहीं।” बीजेपी नेताओं ने साफ कहा कि नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से चुने गए हैं और वे 2029 तक देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने ट्वीट किया, “हमारे प्रधानमंत्री का नेतृत्व अटूट है। कॉन्सपिरेसी थ्योरीज़ बनाकर विपक्ष भ्रम फैलाना चाहता है।”
भारत की मौजूदा राजनीतिक स्थिति
9 जून 2024 को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनकी सरकार अब तक कई बड़ी नीतिगत पहलों पर काम कर रही है — जैसे Make in India 2.0, Digital Infrastructure Expansion और Green Energy Mission। ऐसे में किसी भी लीडरशिप चेंज की बात फिलहाल सिर्फ अटकलों तक सीमित है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पृथ्वीराज चव्हाण का बयान अधिकतर “hypothetical imagination” पर आधारित है। उनका यह कथन शायद कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है, जिसका उद्देश्य सरकार के भीतर संशय और चर्चा पैदा करना हो।
ग्लोबल पॉलिटिक्स में संभावित असर
दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि एपस्टीन फाइल्स से अगर बड़े नामों का खुलासा होता है, तो विश्व राजनीति में “moral accountability” का नया दौर शुरू हो सकता है। इससे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के नेताओं पर भी दबाव बढ़ेगा। हालांकि भारत के संदर्भ में अभी तक ऐसी कोई ठोस रिपोर्ट सामने नहीं आई कि इन दस्तावेजों में किसी भारतीय नागरिक या राजनेता का नाम शामिल है।

















