
ग्रामीण भारत में बेरोजगारी और आजीविका की चुनौतियों को आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने मशहूर रोजगार योजना मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलकर अब पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (PBNREGA) रखने का फैसला लिया है। यह न सिर्फ नाम बदलने की पहल है बल्कि रोजगार के दिनों की संख्या बढ़ाकर 100 से 125 दिन करने का बड़ा सुधार भी है।
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क्या है पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना?
यह योजना महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के विचार से प्रेरित है। पहले जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कहा जाता था, उसका नया नाम Pujya Bapu National Rural Employment Guarantee Act (PBNREGA) होगा। योजना का उद्देश्य अब भी वही है — गांवों में रह रहे जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 125 दिन का रोजगार देना ताकि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए शहरों की ओर पलायन न करना पड़े।
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
इस योजना का फायदा गांव में रहने वाले हर वयस्क व्यक्ति को मिल सकता है जो रोजाना मजदूरी का काम करके अपनी आजीविका चलाना चाहता है। जरूरी बात यह है कि आवेदक का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है और वह व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र में निवास करता हो।
फायदे का दावा करने वाला व्यक्ति निम्न शर्तें पूरी करे:
- उसकी न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक के पास जॉब कार्ड (Job Card) होना चाहिए।
- वह शारीरिक रूप से काम करने में सक्षम हो।
गांव के किसी भी गरीब परिवार के सभी वयस्क सदस्य आवेदन कर सकते हैं, चाहे पुरुष हों या महिला।
आवेदन करने की प्रक्रिया
इस योजना में आवेदन करने का तरीका पहले जैसा ही सरल और पारदर्शी रखा गया है। अगर आप काम पाने के इच्छुक हैं, तो आवेदन इस तरह कर सकते हैं:
- ग्राम पंचायत में जाएं: अपने गांव की पंचायत कार्यालय में जाकर योजना के लिए आवेदन करें।
- फॉर्म भरें: निर्धारित आवेदन फॉर्म में नाम, उम्र, पता, आधार या कोई अन्य पहचान संबंधी जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज दें: आधार कार्ड, फोटो और पता प्रमाण जैसे दस्तावेज जमा करें।
- जॉब कार्ड प्राप्त करें: एक बार आवेदन स्वीकृत होने के बाद, आवेदक को ग्राम पंचायत के माध्यम से जॉब कार्ड (Job Card) जारी किया जाएगा।
- काम का आवंटन: जैसे ही ग्राम पंचायत के पास किसी प्रकार का सार्वजनिक कार्य उपलब्ध होगा, उस काम के लिए कार्डधारक को बुलाया जाएगा।
अगर किसी आवेदक को 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिलता, तो उसे बेरोजगारी भत्ता (Unemployment Allowance) भी दिया जा सकता है।
योजना के मुख्य फायदे
1. 125 दिन की रोजगार गारंटी: अब ग्रामीण परिवारों को 100 नहीं, बल्कि 125 दिन तक का रोजगार मिलेगा। इससे सालाना आमदनी में सीधा इजाफा होगा।
2. महिला सशक्तिकरण: योजना में महिलाओं की भागीदारी को और प्रोत्साहित किया गया है। ज्यादा काम के दिन का मतलब है ज्यादा आय और आत्मनिर्भरता।
3. स्थानीय विकास कार्य: इसके तहत सड़कों, नालों, तालाबों, और खेत सुधार जैसे कार्य होते हैं जो गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाते हैं।
4. डिजिटल पारदर्शिता: मजदूरी का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है।
5. बेरोजगारी भत्ता का लाभ: अगर निर्धारित समय में काम नहीं दिया जाता तो पात्र आवेदक को भत्ता मिल सकता है।
जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड या वोटर आईडी
- ग्राम पंचायत द्वारा जारी निवासी प्रमाण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण
- जॉब कार्ड नंबर (यदि पहले से हो)
PBNREGA क्यों है खास?
नए नाम और बढ़ी हुई रोजगार गारंटी के साथ यह योजना ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम है। गांव के युवाओं और महिलाओं को न केवल अतिरिक्त रोजगार मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद को 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित हो और गांवों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ें। इससे न केवल मजदूरों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण विकास कार्य तेज होंगे।

















