
बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए एक संशोधित मॉडल समय सारणी जारी की है, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सज्जन आर. के हस्ताक्षर से शुक्रवार (दिसंबर 5, 2025) को जारी इस आदेश ने पूरे सूबे के स्कूल सिस्टम को एक नई अनुशासन में बांध दिया है, यह नई व्यवस्था गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और स्कूलों में एकरुपता लाने के उद्देश्य से लागू की गई है और यह संस्कृत स्कूलों और मदरसों पर भी समान रूप से लागू होगी।
नई समय-सारणी का विवरण
अब राज्य के सभी सरकारी स्कूल सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक संचालित होंगे। विस्तृत दैनिक कार्यक्रम इस प्रकार है:
- 9:30 से 10:00 बजे तक: प्रार्थना सभा (असेम्बली), जिसमें प्रार्थना, बिहार गीत, और सामान्य ज्ञान/समाचार सत्र शामिल होंगे। शिक्षकों द्वारा छात्रों की पोशाक और स्वच्छता (बाल/नाखून) की जांच भी की जाएगी।
- 10:00 से 12:00 बजे तक: शिक्षण कार्य (पहली से तीसरी घंटी)।
- 12:00 से 12:40 बजे तक: मध्याह्न भोजन (टिफिन/लंच ब्रेक)।
- 12:40 से 4:00 बजे तक: शिक्षण कार्य जारी रहेगा, जिसमें कुल आठ पीरियड होंगे।
- शाम 4:00 बजे: छुट्टी (राष्ट्रगान के बाद)।
इस आदेश के तहत शनिवार को भी शैक्षणिक गतिविधियां होंगी और उसी के अनुसार बैठने की व्यवस्था निर्धारित की गई है। जिला प्रशासन को इस नई समय-सारणी का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
अब प्रधानाध्यापक की जवाबदेही तय कर दी गई है, रोज़ाना होमवर्क की जांच, पाठ्यक्रम की योजना और कमजोर छात्रों को आगे बैठाने जैसे निर्देश सीधे तौर पर स्कूल प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हैं, किसी शिक्षक की छुट्टी के कारण कक्षा बाधित न हो यह आदेश शिक्षा व्यवस्था में ढिलाई पर सीधा वार है।
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हर कक्षा के लिए खेलकूद, संगीत और पेंटिंग की एक घंटा अनिवार्य कर सरकार ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक महदूद नहीं शनिवार को गैरशैक्षणिक गतिविधियों बाल संसद, सांस्कृतिक कार्यक्रम के ज़रिये लोकतांत्रिक संस्कार गढ़ने की बात कही गई है।कुल मिलाकर, यह संशोधित समय सारणी सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि बिहार की शिक्षा राजनीति में इरादों का एलान है।

















