
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, वर्ष 2026 एक विशेष ज्योतिषीय घटना का साक्षी बनेगा, इस वर्ष सामान्य 12 महीनों के बजाय कुल 13 महीने होंगे खगोलीय और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा ‘अधिक मास’ (Adhik Maas) या ‘मलमास’ पड़ने के कारण हो रहा है, यह अतिरिक्त महीना ज्येष्ठ माह के रुप में पड़ेगा, जिससे वर्ष 2026 में दो ज्येष्ठ मास होंगे।
यह भी देखें: ड्राइवर की नौकरी छोड़कर, यूट्यूब विडिओ देखकर गांव में शुरू किया बिजनेस अब कमा रहा लाखों
Table of Contents
अधिक मास 2026 की मुख्य तिथियां
धर्म विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक मास की अवधि में शुभ और मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा, यह अवधि भगवान विष्णु की आराधना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए समर्पित होगी।
- प्रारंभ तिथि: 17 मई, 2026 (रविवार)
- समाप्ति तिथि: 15 जून, 2026 (सोमवार)
- अवधि: 30 दिन
- पड़ने वाला माह: ज्येष्ठ
क्या है अधिक मास का महत्व?
सौर वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए हर तीसरे वर्ष में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है, इसे पुरुषोत्तम मास या मलमास के नाम से भी जाना जाता है।
यह भी देखें: UP के 10 लाख छात्रों के ₹1,200 अभी तक फंसे! तुरंत जानें पैसा कहां अटका है
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस माह के दौरान किए गए धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ और दान का फल सामान्य महीनों की तुलना में कई गुना अधिक प्राप्त होता है, हालांकि, यह महीना विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और नए व्यवसाय के शुभारंभ जैसे मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।

















