
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र में सशक्त लोकायुक्त कानून (Lokayukta Law) लागू न होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक बार फिर बड़े आंदोलन की घोषणा की है, उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने जल्द ही इस कानून को लागू नहीं किया, तो वह 30 जनवरी 2026 से अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में आमरण अनशन (भूख हड़ताल) शुरु करेंगे।
यह भी देखें: Adhik Maas Date: 2026 में 13 महीने का होगा साल! देखें अधिक मास की तारीख
Table of Contents
आंदोलन की मुख्य बातें
- अनशन की तारीख: 30 जनवरी 2026 (महात्मा गांधी की पुण्यतिथि)।
- स्थान: रालेगण सिद्धि स्थित यादव बाबा मंदिर।
- प्रमुख मांग: महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार विरोधी सशक्त लोकायुक्त कानून को तत्काल प्रभाव से लागू करना।
- सरकार पर आरोप: हजारे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार ने 2022 और 2023 में लोकायुक्त विधेयक को विधानसभा और विधान परिषद में पारित कर दिया था, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह कानून केवल कागजों तक ही सीमित है और इसे लागू नहीं किया गया है।
अन्ना हजारे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस संबंध में सात पत्र लिखे थे, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, उन्होंने कहा, “यह मेरे जीवन का आखिरी अनशन हो सकता है” और वह इसे अपनी “अंतिम सांस तक” जारी रखेंगे।
यह भी देखें: UP के 10 लाख छात्रों के ₹1,200 अभी तक फंसे! तुरंत जानें पैसा कहां अटका है
सरकार का रुख
इस घोषणा के बाद, महाराष्ट्र सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने अन्ना हजारे को फोन पर आश्वासन दिया है कि लोकायुक्त विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है और इसे अगले तीन महीनों के भीतर लागू कर दिया जाएगा, सरकार के इस आश्वासन के बाद, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या हजारे 30 जनवरी से पहले कोई रास्ता निकलने पर अपना अनशन वापस लेंगे या नहीं।

















