
देश भर में करोड़ों वाहन चालक रोज़ाना पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाते हैं, लेकिन कई बार तकनीकी गड़बड़ी या जानबूझकर की गई धोखाधड़ी के कारण उन्हें कम पेट्रोल मिलता है, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह आवश्यक है कि ग्राहकों को सही मात्रा में और शुद्ध ईंधन मिले। यदि आपको कभी भी पेट्रोल पंप मीटर में नीचे बताई गई तीन असामान्य स्थितियां दिखें, तो सचेत हो जाएं। ये कोई ‘सीक्रेट कोड’ नहीं, बल्कि धोखाधड़ी के स्पष्ट संकेत हो सकते हैं।
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रीडिंग शून्य से शुरु न होना
ईंधन भरवाने का सबसे पहला नियम यह है कि मीटर को हमेशा शून्य (0.00) से शुरू होना चाहिए। अगर कर्मचारी मीटर रीसेट किए बिना ही तेल भरना शुरू कर देता है और रीडिंग पहले से ही ₹10 या ₹20 जैसी किसी संख्या पर है, तो इसका सीधा मतलब है कि शुरुआती राशि का पेट्रोल आपको नहीं मिलेगा, लेकिन बिल में वह राशि जुड़ जाएगी।
शुरुआती संख्या में अचानक ‘जंप’
जब मीटर शून्य से शुरू होता है, तो संख्याएं धीरे-धीरे बढ़नी चाहिए। यदि सुई या डिजिटल मीटर अचानक ₹2-₹3 से सीधे ₹15-₹20 जैसी बड़ी संख्या पर ‘जंप’ (कूद) करता है, तो यह मशीन में की गई छेड़छाड़ का संकेत है। सामान्यतः 0 के बाद 2, 3, या 4 तक का उछाल सामान्य माना जाता है, लेकिन बड़ा जंप एक गंभीर अनियमितता है।
बहुत तेज़ मीटर गति और कम प्रवाह
अगर आपको लगे कि आपकी गाड़ी की टंकी की क्षमता के अनुसार मीटर बहुत तेज़ी से चल रहा है और ईंधन का प्रवाह उस गति से नहीं हो रहा है, तो यह भी गड़बड़ी का संकेत है। यह ‘फास्ट-फॉरवर्ड’ तकनीक का उपयोग हो सकता है, जिसमें ग्राहक को कम समय में बिल ज़्यादा दिखाया जाता है, जबकि वास्तविक ईंधन कम डिलीवर होता है।
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धोखाधड़ी से बचने के अन्य प्रभावी उपाय
- पेट्रोल भरवाते समय अटेंडेंट की बातों में उलझकर मीटर से ध्यान न हटाएं। अपनी नज़र मीटर रीडिंग पर बनाए रखें।
- गोल रकम (जैसे ₹500 या ₹1000) के बजाय ₹510 या ₹1020 जैसी विषम संख्या में पेट्रोल भरवाएं।
- शुद्धता की जांच के लिए आप पंप मैनेजर से ईंधन की डेंसिटी (घनत्व) मापने के लिए कह सकते हैं। यह पेट्रोल के लिए 720-775 किलोग्राम/क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए।
- यदि संदेह हो, तो 5-लीटर मापने वाले जार से मात्रा की पुष्टि करने की मांग करें। यह सुविधा हर पंप पर उपलब्ध होनी चाहिए।
यदि आपको कोई भी संदिग्ध गतिविधि मिलती है, तो आप तुरंत तेल कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करके या संबंधित सरकारी विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

















