
महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ में धांधली और अपात्र व्यक्तियों द्वारा अवैध रुप से लाभ लेने के मामले सामने आने के बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरु कर दी है, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया है कि योजना का गलत तरीके से लाभ उठाने वाले सभी अयोग्य लाभार्थियों से राशि की कड़ी वसूली की जाएगी और इसमें शामिल दोषी सरकारी कर्मचारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
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मुख्य बिंदुओं में कार्रवाई
- जांच में यह खुलासा हुआ कि कई पुरुष और सरकारी कर्मचारी, जो योजना के लिए पात्र नहीं थे, उन्होंने भी मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त की। सरकार ने इन सभी व्यक्तियों से ली गई राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
- लगभग 8,000 से अधिक राज्य कर्मचारियों की पहचान की गई है जिन्होंने अवैध रूप से योजना का लाभ उठाया। महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमों के तहत इन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
- सरकार ने लगभग 27 लाख ऐसे लाभार्थियों की पहचान की है जो प्रथम दृष्टया अपात्र प्रतीत होते हैं। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इनके भुगतान अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं और खातों की गहन जांच (scrutiny) जारी है।
31 दिसंबर तक करना होगा ई केवाईसी
माझी लाडकी बहिन योजना में ई केवाईसी प्रक्रिया में देरी के कारण नवंबर की किस्त भी अटकी हुई है, इसे लेकर सरकार ने बताया कि नवंबर और दिसंबर दोनों किस्त एक साथ आएगी, ई केवाईसी की लास्ट डेट 18 नवंबर थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है, सरकार ने स्पष्ट किया है कि अपात्र नाम हर हाल में हटाए जाएंगे, इसलिए सभी लाभार्थी महिलाओं को 31 दिसंबर 2025 से पहले ई केवाईसी करना जरुरी है, इसके बाद जिनका ई केवाईसी नहीं होगा, उनका नाम सूची से हटाया जा सकता है।
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सरकारी कर्मचारी और पुरुष भी ले रहे थे योजना का लाभ
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे के अनुसार माझी लाडकी बहिन योजना की जांच में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं उनके अनुसार 1,526 सरकारी कर्मचारियों के खातों में योजना का पैसा गया है, वहीं 14,298 पुरुषों ने भी गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाया है, इसे लेकर सरकार ने भी साफ कर दिया है कि ऐसे सभी लोगों से पैसा वापस लिया जाएगा, साथ ही सरकारी कर्मचारियों पर महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमों के तहत कार्रवाई भी तय है।
‘माझी लाडकी बहिन योजना’ का उद्देश्य राज्य की पात्र महिलाओं को ₹1,500 की मासिक सहायता प्रदान करना है, सरकार का यह कदम योजना की पवित्रता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि केवल सही हकदार महिलाओं को ही इसका लाभ मिले।

















