बिजली चोरी पर बड़ी सख्ती! CM योगी लेने जा रहे हैं बड़ा एक्शन,कर्मचारियों के लिए भी बदले नियम

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कमर कस ली है, बिजली व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें न केवल आम उपभोक्ताओं के लिए सख्त प्रावधान हैं, बल्कि कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय की गई है

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बिजली चोरी पर बड़ी सख्ती! CM योगी लेने जा रहे हैं बड़ा एक्शन,कर्मचारियों के लिए भी बदले नियम
बिजली चोरी पर बड़ी सख्ती! CM योगी लेने जा रहे हैं बड़ा एक्शन,कर्मचारियों के लिए भी बदले नियम

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कमर कस ली है, बिजली व्यवस्था को सुचारु और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें न केवल आम उपभोक्ताओं के लिए सख्त प्रावधान हैं, बल्कि कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय की गई है।

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चोरी रोकने के लिए सरकार के बड़े एक्शन

  • बिजली चोरी के मामलों में अब कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। चोरी पकड़े जाने पर उपभोक्ता को 5 साल तक की जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
  • चोरी साबित होने पर तत्काल प्रभाव से प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की जा रही है और नियमानुसार जुर्माना वसूला जा रहा है।

‘बिजली मित्र’ पोर्टल की सफलता

  • सरकार द्वारा लॉन्च किए गए ‘बिजली मित्र’ पोर्टल को जनता का अच्छा समर्थन मिल रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर लोग गुमनाम रहते हुए बिजली चोरी की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, जिससे विभाग को कार्रवाई करने में मदद मिल रही है।
  • प्रवर्तन दल (Enforcement Teams) अब बिना कनेक्शन बिजली का उपयोग करते पाए जाने वाले स्थानों पर तुरंत वैध कनेक्शन जारी करने और मौके पर ही बकाया राशि वसूलने के लिए अधिकृत हैं।

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एसटीएफ का गठन

  •  बिजली विभाग के उपकरणों, जैसे ट्रांसफॉर्मर और तारों की चोरी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन किया गया है।

कर्मचारियों के लिए बदले गए नियम और जवाबदेही

विभागीय उदासीनता और मिलीभगत पर अंकुश लगाने के लिए कर्मचारियों के नियम भी सख्त किए गए हैं:

  • जिन क्षेत्रों में बिजली का नुकसान (लाइन लॉस) 80% से अधिक पाया जाता है, वहां के जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है, जिसमें सीधी बर्खास्तगी भी शामिल है।
  •  विभागीय अधिकारियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। यदि किसी अधिकारी के कार्यक्षेत्र में अनियमितता या सरकारी धन के गबन के आरोप सिद्ध होते हैं, तो उनके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है, जैसा कि हाल ही में एक SDO के निलंबन के मामले में देखा गया।
  •  कार्य में बाधा न आए, इसके लिए सरकार ने पूर्व में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल पर 6 महीने के लिए रोक लगा दी थी।

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इन सभी फैसलों का मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार लाना, राजस्व की हानि रोकना और 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

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Author
Pinki

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